Wednesday, 21 November 2012
Friday, 16 November 2012
Sunday, 11 November 2012
लोक पाल बिल
लोक पाल बिल हो तगड़ा ,नहीं होना चाहिए लंगड़ा
ईब किस बात पै झगडा , लोक पाल बिल पास करो ।।
भ्रष्टाचार का डूंडा पाट्या देखो भारत देश म्हारे मैं
कालेधन का बोलबाला देखो इस हिंदुस्तान सारे मैं
नीति इसी बनाई उननै ,अपनी नीत डिगाई हमनै
बात आडै पहोंचाई हमनै ,लोक पाल बिल पास करो ।।
भ्रष्टाचार इस सिस्टम का प्रेरक गया बताया यो
कारपोरेट का यो सिस्टम रूखाला बन कै आया यो
घोटाल्यां मै नेता तो पकड़े ,सही बात ये ठीक जकड़े
कारपोरेट ये हाँडै अकड़े ,लोक पाल बिल पास करो ।।
कारपोरेट मीडिया अन जी ओ तीनों इस मैं ल्याओ
ये राख बाहर लोकपाल तैं लंगड़ा मतना बनाओ
लोकतंत्र आज बचाना हो ,लोकपाल पास कराना हो
सिस्टम नया बनाना हो ,लोक पाल बिल पास करो ।।
प्रधानमंत्री कुछ बातों मैं इसके भीतर ल्याणा चाहिए
सही मानसां नै इस तैं नहीं जमा घबराना चाहिए
यो रणबीर बारोने आला,छंद कसूते पिरोने आला
साच पै जिन्दगी झोने आला ,लोक पाल बिल पास करो ।।
ईब किस बात पै झगडा , लोक पाल बिल पास करो ।।
भ्रष्टाचार का डूंडा पाट्या देखो भारत देश म्हारे मैं
कालेधन का बोलबाला देखो इस हिंदुस्तान सारे मैं
नीति इसी बनाई उननै ,अपनी नीत डिगाई हमनै
बात आडै पहोंचाई हमनै ,लोक पाल बिल पास करो ।।
भ्रष्टाचार इस सिस्टम का प्रेरक गया बताया यो
कारपोरेट का यो सिस्टम रूखाला बन कै आया यो
घोटाल्यां मै नेता तो पकड़े ,सही बात ये ठीक जकड़े
कारपोरेट ये हाँडै अकड़े ,लोक पाल बिल पास करो ।।
कारपोरेट मीडिया अन जी ओ तीनों इस मैं ल्याओ
ये राख बाहर लोकपाल तैं लंगड़ा मतना बनाओ
लोकतंत्र आज बचाना हो ,लोकपाल पास कराना हो
सिस्टम नया बनाना हो ,लोक पाल बिल पास करो ।।
प्रधानमंत्री कुछ बातों मैं इसके भीतर ल्याणा चाहिए
सही मानसां नै इस तैं नहीं जमा घबराना चाहिए
यो रणबीर बारोने आला,छंद कसूते पिरोने आला
साच पै जिन्दगी झोने आला ,लोक पाल बिल पास करो ।।
Saturday, 10 November 2012
BHRUN HATYA
भ्रूण-हत्या
तेरे अंश तैं खिली कली नै, मत तुड़वावै माई री ।
तीन मास तै पली कूख में, ईब के आफत आई री ।।
(1)
जननी होकै खुद मरावावै, घोर अंधेरा सै दिन में ।
जै बाड़ खेत नै खावैगी, के बाकी बचै चमन में ।।
तूं भी तै मां एक बेटी सै, देख सोच अपणे मन में ।
गुड्डा-गुडियां खेल्लूंगी मैं, बाबुल के आंगन में ।।
फिरूं चहकती बचपन में, फेर चिड़िया किसी उडाई री ।
(2)
आकै नै मैं दुनिया मैं, थारै रंग चा़ बानी लाऊँगी ।
जब होगा मेरै छोटा भाई, सारी हाण खिलाऊँगी ।।
भैया दूज जब आवैगी मैं, रक्षा -तिलक लगाऊँगी ।
आई सलूमण पोहंची बाधूं, जुग-जुग शुक्र मनाऊँगी ।।
गीत खुशी के गाऊँगी जब, ब्याहया जा मेरा भाई री ।
(3)
पढ़ लिखकै मैं रोशन करदयूं, मात-पिता का नाम री ।
इंद्रा बणज्यां बेदी बणज्यां, दुनिया करै सलाम री ।।
पी.टी. ऊषा साईना बणज्यां, जीतूं घणे ईनाम री ।
कल्पना चावला की ढ़ाला मैं, उडकै छूल्यूं राम री ।।
करूं संतोष से काम री, एवरेस्ट की करूं चढ़ाई री ।
(4)
लोकेश शर्मा हाथ जोड़कै, कररया न्यूं फरियाद सै ।
नारी के सम्मान बिना के, रहणा जगत आबाद सै ।।
भ्रूण-हत्या का कलंक देश पै, ब्होत बड़ा अपराध सै ।
अजमाकै कोए देख लियो, लड़की-लड़के तैं बाध सै ।।
बणी रहै मर्याद सै, जिस घर मैं कन्या पाई री ।
जै बाड़ खेत नै खावैगी, के बाकी बचै चमन में ।।
तूं भी तै मां एक बेटी सै, देख सोच अपणे मन में ।
गुड्डा-गुडियां खेल्लूंगी मैं, बाबुल के आंगन में ।।
फिरूं चहकती बचपन में, फेर चिड़िया किसी उडाई री ।
(2)
आकै नै मैं दुनिया मैं, थारै रंग चा़ बानी लाऊँगी ।
जब होगा मेरै छोटा भाई, सारी हाण खिलाऊँगी ।।
भैया दूज जब आवैगी मैं, रक्षा -तिलक लगाऊँगी ।
आई सलूमण पोहंची बाधूं, जुग-जुग शुक्र मनाऊँगी ।।
गीत खुशी के गाऊँगी जब, ब्याहया जा मेरा भाई री ।
(3)
पढ़ लिखकै मैं रोशन करदयूं, मात-पिता का नाम री ।
इंद्रा बणज्यां बेदी बणज्यां, दुनिया करै सलाम री ।।
पी.टी. ऊषा साईना बणज्यां, जीतूं घणे ईनाम री ।
कल्पना चावला की ढ़ाला मैं, उडकै छूल्यूं राम री ।।
करूं संतोष से काम री, एवरेस्ट की करूं चढ़ाई री ।
(4)
लोकेश शर्मा हाथ जोड़कै, कररया न्यूं फरियाद सै ।
नारी के सम्मान बिना के, रहणा जगत आबाद सै ।।
भ्रूण-हत्या का कलंक देश पै, ब्होत बड़ा अपराध सै ।
अजमाकै कोए देख लियो, लड़की-लड़के तैं बाध सै ।।
बणी रहै मर्याद सै, जिस घर मैं कन्या पाई री ।
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Friday, 9 November 2012
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