Friday, 10 June 2011

दारू पी कै



दारू पी कै
दारू पीकै पड्या रहवै साईं कुनबे का ताने ख्याल नहीं 
कामचोरी और सीना जोरी टोकै  किसे की मजाल नहीं
ताश खेलन तै फुर्सत ना साँझ नै दारू चाहिए सै
खाली बैठ्या खाट  तोडै चुगली जी भर कै खाईये सै

बुरी नजर लाखईये सै भुन्ड़े मजाकां  की टाल नहीं ||
झूठी गवाही दिया वै सै एक पव्वा साँझ नै पयादें
घनी करैं तो हलवा बना कै दो तीन बर ताने खवादें
पंग्या मैं तनै फंसवादें  घर की कोए सम्भाल नहीं  ||
जेब मैं कट्टा और मारुती धोले लत्ते पहर लिए
कब्जे कर लिए दो चार ढा कईयां पर कहर दिए
दिलां मैं घोल जहर दिए तेरे तैं बड्डा दलाल नहीं ||
चमचागिरी कर नेता की कै दिन काम चलै तेरा
इब्बी बखत सै लेले संभाला तनै देख दिल जले मेरा
क्यों कार्य दीवे तले अँधेरा रणबीर का सवाल  yahi   ||

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