के फेर बी वोट द्योगे , इन दारू बेच कसाइयाँ तैं
पांच साल मैं नासां अड़ज्याँ ऐसी करै करतूत रै
इब इब के चक्कर मैं तेरै कै बै आयी कसूत रै
के दुखड़ा और सहोगे कद न्यारे टलो इन राहियाँ तैं
वोट के तेम पटालें सें तनै फेर लक्दते ना जड्कै नै
एक सुनै ना तेरी फेर तूँ बेशक मर ज्या सड़ कै नै
थम आसरे जिनके रहोगे उननै लेना के पेड परायीयाँ तैं ॥
जनहित और इनेलो इनमैं फरक सै मासे तोले का
बक्कल तार बगादेंगे तेरे किसे मानस भोले का
के खरी खरी ना कहोगे तम आज इन भाज पाईयां तैं ॥
सी पी एम् नै देख बरत या म्हणत कह की पार्टी सै
और कोए ना भावै फेर या ऐसी रस की पार्टी सै
फेर पूंजीपति तैं फहोगे बाख आपस की लड़ाईयां तैं ॥
शकुन्तला जाखड या म्हारे हक़ और दुःख नै जानै सै
राजेश दलाल तून वोट दिए हिम्माती नै जै पिछा नै सै
बैरी तैं बदला ल्योगे थम मेल बढा कै भाइयाँ तैं ॥