Friday, 10 October 2025

1..36

36=
 *अजन्मी बेटी*
*चिंघाड़ अजन्मी बेटी की हमनै देती नहीं सुणाई।*
*किस्सा जमाना आग्या हुये माणस कातिल अन्याई।*
पेट मैं मरवाना सिखया तकनीक इसी त्यार करी
लिहाज और शर्म सारी पढ़े लिख्याँ नै तार धरी
*महिला संख्या घटती जा दुनिया मैं हुई रूसवाई।*
परम्परा और कई रिवाज ये बुराई की जड़ मैं रै
दुभांत महिला की गेल्याँ होवै सबके बगड़ मैं रै
*छोरे की खातर छोरी पै कटारी पैनी सै चलवाई।*
महिला कम हुई सैं ज्यां इनपै अत्याचार बढ़गे
खरीद फरोख्त होण लगी साथ मैं व्यभिचार बढ़गे 
*घर के भित्तर और बाहर ज्यांन बिघन मैं आई।*
पुत्र लालसा की जड़ घनी गहरी म्हारे समाज मैं 
दोयम दरजा और दुभांत छिपी सै इस रिवाज मैं 
*इस आधुनिक समाज नै और रापट रोल मचाई।*
महिला शोषण के खिलाफ आवाज उठण लगी
विरोध की चिंगारी आज हरियाणा मैं दिखण लगी 
*समाज के एक हिस्से नै बराबरी की मांग उठाई।*
महिला नै इस माहौल मैं अपने कदम बढ़ा दिए
पिछड़ी सोच आल्याँ के कई बै छक्के छुड़ा दिए
*रणबीर नै भी साथ मैं  या अपनी कलम घिसाई ।*
[9/9, 3:51 pm] Sabka Haryana: सरकार नै मांगों पर सहमति म्हारे लंबे संघर्ष बाद थी जताई।।
स्वास्थ्य मंत्री हरियाणा आगै सारी समझौते की बात बताई।।
1
दो हजार ठारा  पाछै काम कई गुणा बढ़ाया मंत्री जी
मानदेय मैं ना करी बढ़त कई बै सवाल उठाया मंत्री जी
मांग कोन्या पूरी हुई म्हारी कितै भी नहीं करी म्हारी सुनाई।।
2
छब्बीस हजार न्यूनतम वेतन म्हारे तांहि दिया जावै 
पक्के कर्मचारी का दर्जा भी म्हारा मंजूर किया जावै।।
मानदेय और प्रोत्सान राशि महंगाई भत्ते साथ हो जुड़ाई।।
3
ईएसआई पीएफ की मांग हम आशा वर्कर मांग रही 
रिटायरमेंट बेनिफिट भी मिलैं सरकार अड़ा टांग रही
सामाजिक सुरक्षा लाभ जितने इंनपै जावै मोहर लगाई।।
4
अनुभव योग्यता के आधार पै पदोन्नति की मांग करी
किराया भत्ता भी दिया जावै मांग म्हारी सै या कती खरी
रिटायरमेंट की उम्र हमनै पैंसठ साल की सै जरूर चाही।।
5
सब सेंटर मैं बैठण का होना चाहिए सही इंतजाम यो
सब सैंटर नहीं जडै़ तो उडै़ आशा सैंटर खोलण का हो काम यो
आशा की ड्रेस के दो हजार हमनै 
जायज मांग या बताई।।
6
फैसिलिटेटर विजिट की राशि प्रोत्साहन भी बढ़ाई जावै
फैसिलिटेटर रिपोर्टिंग की राशि भी फिक्स करवाई जावै
आशा वर्करों की मांग जायज सारी रणबीर ज्यां कलम चलाई।।
35=
 *महिला की दास्ताँ*
*पेट मैं मारण की तैयारी, मैं सुनाऊं पूरे समाज नै।।*
*क्यों चालै मेरे पै कटारी , मैं सुनाऊं पूरे समाज नै।।*
1
मातम मनाते मेरे होण पै छोरे पै बजती थाली क्यों
छठ छोरे की सारे मनाते गामां ताहिं के हाली क्यों 
नामकरण करते छोरे का पढ़े लिखे और पाली क्यों
अग्नि देनी शमशान घाट मैं म्हारी करते टाली क्यों
*पराया धन गई मैं पुकारी, मैं सुनाऊं पूरे समाज नै।।*
2
धन धरती का हक म्हारा, किसनै खोस्या हमनै बताओ
रिवाज पुत्र वंश चलाने का किसनै थोंप्या हमनै बताओ
दोयम दर्जा म्हारे ताहिं , किसनै सोंपया हमनै बताओ
म्हारा मान सम्मान दखे किसनै खोस्या हमनै बताओ
*म्हारी जगाह सिमटती जारी, मैं सुनाऊं पूरे समाज नै।।*
3
स्वयंम्बर करकै पति चुनै या रही परंपरा म्हारी बताई
दमयंती नै नल के गल मैं माला खुद तैं डारी बताई
मातृ सत्ता म्हारे समाज मैं बहोत दिन रही जारी बताई
पितृ सत्ता की संस्कृति खुद बै खुद उभरती आरी बताई
*आज या चारों कांहीं छाहरी, मैं सुनाऊं पूरे समाज नै।।* 
4
धापां सीमा संतोष काफी यो नाम धरया भतेरी क्यों
सारी उम्र इन नामां करकै महिला झेलैं अंधेरी क्यों
दोयम दर्जा म्हारा समाज मैं लाज जावै बखेरी क्यों
कोई रास्ता नहीं देवै दिखाई चारों तरफ तैं घेरी क्यों
*बनाई सां हम अबला नारी, मैं सुनाऊं पूरे समाज नै।।*
5
इसे माहौल मैं माता क्युकर बेटी पैदा करदे देखो
परिवार महिला की नाड़ पै तुरत कटारी धरदे देखो
माँ का कसूर कड़ै इसमैं चाहवै रंग जीवन मैं भरदे देखो
सन्तुलन जब बैठे जब हटैं समाज की आंख्यां तैं परदे देखो
*या पूरे समाज की बीमारी, मैं सुनाऊं पूरे समाज नै।।*
6
औरत मर्द जड़ै बराबर वोहे समाज ठीक जताया सै
इस संकट की जड़ों मैं हाथ पितृ सत्ता का पाया सै
पुत्र लालसा छोरी मारै परिवारों नै जुल्म कमाया सै
परिवार पूरे समाज का दर्पण यो गया सही बताया सै
*रणबीर की कलम पुकारी , मैं सुनाऊं पूरे समाज नै।।*
 34=
कन्या भ्रूण हत्या समाज का बहुत  घटिया काम बताऊं।।
महिला छोरी पुरुष घणे इसका असर आज गिनाऊं।।
1
महिला को दोयम दर्जा दे राख्या म्हारे समाज नै 
हरेक जगां पाछै राखैं भूले बराबरी की आवाज नै 
और भी कई मामले सैं खोल कै सारे पत्ते दिखाऊं।।
2
भाई बाहण कोन्या बराबर भाई की जगां ऊंची सै 
कैहवण नै सैं बराबर पर असल मैं महिला नीची सै 
मानैं दोनों नै बराबर समाज नै मैं क्यूकर समझाऊं।।
3
समान काम कम भुगतान महिला तैं किया जावै 
अवैतनिक श्रम का भी फालतू बोझ दिया जावै 
श्रम बाजार मैं महिला की कैसे हिस्सेदारी बराबर ल्याऊं।।
4
गर्भावस्था के बख्त रणबीर महिला मौत ज्यादा बताई
पुरुष महिला अनुपात मैं महिला की कमी सै आई
बस छोरे के जन्म ऊपर छठ ना छोरी की छठ मनाऊं।।
 33=
बेरोजगारी नै भारत मैं लड़के लड़की खूब सताए रै।
आज बदमाशी और नशे मैं ये जान बूझकै फंसाए रै।
1
 ढाल ढाल के नशे परोस कै कसूती लत लगाई सै
 अफीम चरस हीरोइन दारू घर घर में पहुंचाई सै
 नशे माफिया नै दुनिया मैं बहोत उधम मचाई सै 
अफ़गानिस्तान गढ़ बनाया अमेरिका की चतुराई सै
 आज पंजाब के नौजवान ये नशे में खूब  डुबाये रै।
आज बदमाशी और नशे मैं ये  जान बूझकै फंसाए रै।
2
नेता अफसर पुलिस की  तिग्गी कहैं धंधा चला रही 
 सरकार छोटे-मोटे नै पकड़े जुल्मियों नै बचा रही 
किततैं आवै कौन व्यापारी बात सारी ये छिपा रही 
 शातिर ढंग तैं माफिया तिग्गी पूरा जाल बिछा रही
कोये घर ना बच्या दारू तैं सुल्फे फीम नै आण दबाए रै।। 
आज बदमाशी और नशे मैं ये  जान बूझकै फंसाए रै।।
3
साथ मैं म्हारे शासकों नै यो बदमाशी का जाल बिछाया सै
स्मार्ट फोन पै बदमाशी नै कसूता उधम मचाया सै
 नंगापन बढ़ा टीवी नै सब ढाल का रंग दिखाया सै
 लूटो खाओ मौज उड़ाओ घर घर संदेश पहुंचाया सै
 बेरोजगार युवक युवती उल्टे धंधयां मैं लगाए रै।।
आज बदमाशी और नशे मैं ये  जान बूझकै फंसाए रै।।
4
नशा बदमाशी ल्याकै नैं बेरोजगारों का मुंह मोड़ दिया
 जात पात और धर्म पै बांटे मानवता का सिर फोड़ दिया 
बहुविविधता भुला दई भाईचारे का धागा तोड़ दिया 
गौ माता का नारा इसकी गेल्याँ  ल्याकै नै जोड़ दिया 
के होगा म्हारे हिंदुस्तान का रणबीर भी घबराए रै।।
आज बदमाशी और नशे मैं ये  जान बूझकै फंसाए रै।।
 32=
लड़ाई म्हारी 
सारे मिलकै तयारी करल्यां यो रास्ता बिना लड़ाई कोण्या  ॥ 
धान पीट दिया क्यों म्हारा ईब बची जमा समायी कोण्या ॥  
1    
सुधां खुरां  यो बैरी चढ़ग्या क्यों होती हमनै जाग नहीं 
जो चिंगारी दबी हुई सै  या बण जाती क्यों आग नहीं 
बैठ कै रहवाँ ताश खेलते म्हारे बरगा कोए निर्भाग नहीं 
जात गोत बाँट दे हमनै  इसतै जहरी कोए  नाग नहीं 
ये खूनी  कीड़े खान लागरे क्यों देता कति दिखाई कोन्या ॥
धान पीट दिया क्यों म्हारा ईब बची जमा समायी कोण्या ॥  
2     
कड़ तोड़ैगी महंगाई म्हारी यो दूध ढोल मैं घळग्या रै 
सिर बी म्हारा म्हारी जूती टोट्टे का दीवा बळग्या  रै  
अमरीका चूसकै खून म्हारा सांड मरखना  पळग्या रै 
म्हारी जवानी होगी बासी मेरा कालजा नयों जळग्या रै 
आगली पीढी गाल बकैगी जै तस्वीर नई बनाई कोण्या ॥ 
धान पीट दिया क्यों म्हारा ईब बची जमा समायी कोण्या ॥  
3       
भारत का किसान मरया तो यो मुश्किल हिंदुस्तान बचै 
डब्ल्यू टी ओ बन्दूक ताणरया नहीं खेत खलिहान बचै 
बिना खेती उद्योग किसा बिना उद्योग ना इंसान बचै 
बिना बिजली पानी के आज  मुश्किल यो किसान बचै 
अपने पाहयाँ चाल पड़ां  क्यों टोही  इसी राही कोण्या ॥ 
धान पीट दिया क्यों म्हारा ईब बची जमा समायी कोण्या ॥  
4        
हमनै मारकै दम लेवैगी तपैदिक जात बीमारी भाई 
इसका चश्मा चढ़ाकै म्हारै म्हारी खाल उतारी  भाई 
सतरंगा यो खेल रचाया लिकड़्या गजब खिलाड़ी भाई
जमा राह मैं डोब  दिए ना दो आने की असवारी भाई रणबीर गरीब अमीर तैं  न्यारी दुनिया मैं और लड़ाई कोण्या ॥ 
धान पीट दिया क्यों म्हारा ईब बची जमा समायी कोण्या ॥

31=
चारों कान्हीं तैं खावण लागरे  बची इब कति समाई कोण्या।।
म्हारी सारी कमाई लूट लई रास्ता बिना लड़ाई कोण्या।।
1
कुर्बान होज्यांगे पर झुकां नही नयूं मिलकै कसम खाई
किसानी संघर्ष की आवाज आज पूरे देश मैं पहूंचाई
काले कानून वापस कराए हम होण देवैं तबाही कोण्या।।
म्हारी सारी कमाई लूट लई रास्ता बिना लड़ाई कोण्या।।
2
लूटैं बनकै म्हारे हितेषी इब आंख आज म्हारी खुलगी
तीन काले कानूनों मैं जमा लूटैंगे तस्वीर हमनै मिलगी
कहते कानून थारे भले मैं हमनै पाई वा भलाई कोण्या।।
म्हारी सारी कमाई लूट लई रास्ता बिना लड़ाई कोण्या।।
3
किसान मजदूर की कमाई पै अडानी अम्बानी ऐश करैं
म्हारे बालक सल्फास खाकै ना बिन आयी इब मौत मरैं
खावैं हमनै दीमक की ढालां चाहते म्हारी भलाई कोण्या।।
म्हारी सारी कमाई लूट लई रास्ता बिना लड़ाई कोण्या।।
4
किसान मजदूर की जोड़ी एकता जबरदस्त तैयार होगी
कितणी ए लाठी गोली चलाओ ताकतवर एकता हरबार होगी
रणबीर बरोणे आले की रहै पाछै आज कविताई कोण्या।।
म्हारी सारी कमाई लूट लई रास्ता बिना लड़ाई कोण्या।।
30=
 सोचाँ मिलकै
कमेरे  मिल कै सोचाँ क्यों लुटरी कमाई म्हारी।।
किसान खेत मजदूर फसल उगावैं मजदूर बणावैं महल अटारी।।
1
उबड़ खाबड़ खेत क्यार खेत मजदूर की मेहनत नै सँवारे
मजदूर सड़क डैम बणाकै पूरे भारत नै आज चमकारे
तीनों की मेहनत लूट कै क्यों मौज करते अडानी साहूकारी।।
किसान खेत मजदूर फसल उगावैं मजदूर बणावैं महल अटारी।।
2
किसान मजदूर खेत मजदूर की एकता बख्त की बात बताई जा
इन तीनों की एकता भाईयो जात गोत इलाके मैं या खिंडाई जा
न्यारे न्यारे ये तीनों खेमे  देखो नुकसान ठारे सैं घणा भारी।।
किसान खेत मजदूर फसल उगावैं मजदूर बणावैं महल अटारी।।
3
देश आगै बढ़या मेहनत करी खेत मजदूर और मजदूर किसान
इनके बालक क्यों भूखे फिरते न्याकारी कोण्या पाया भगवान
काम करनिये रूलगे देखो पिटी सारै कै आज या ईमानदारी ।।
किसान खेत मजदूर फसल उगावैं मजदूर बणावैं महल अटारी।।
4
सिस्टम लूट पाट का होग्या नीति खड़ी विरोध म्हारे तीनों के बारे मैं
म्हारी लूट का सही तोड़ बताया किसान मजदूर के भाईचारे मैं
सोच समझ कै रणबीर की कलम तीनूआं का एका आज चाहरी।।
किसान खेत मजदूर फसल उगावैं मजदूर बणावैं महल अटारी।।
29=
 पृथ्वी कामरेड
पिरथी कामरेड मेरे याद बहोत घणा आवै सै
सन कहत्तर का वाका कई बै मनै उलझावै सै
1
चंडीगढ़ संघर्ष समिति नै संघर्ष बिगुल बजाया
विक्रम पिरथी सिंह नै मेडिकल लेकै नै आया 
कई दिनां का साथ वो दिमाग ऊपर छावै सै।।
2
कुरुक्षेत्र में डिग्री फूंकी मनै जिब बेरा लाग्या था
थारा यो स्टाइल पिरथी बहोत ए घणा फ़ाब्या था
इमरजेंसी में जेल गया नहीं कति घबरावै सै।।
3
77 मैं भट्टू चुनाव उड़े के रंग निराले देखे 
नौजवान साथी बहोत से उड़ै मोर्चा संभाले देखे 
गरीब का एजेंडा भट्टू मैं पार्टी पूरी ढालां ठावै सै।।
4
 बीमारी की परवाह की ना पार्टी मैं जिंदगी लाई थी
सादा खाना पीना था थारा रात दिन लड़ी लड़ाई थी 
रणबीर पार्टी क्रांति के काम आगै बढ़ाये चाहवै सै।।
28=
 *दशहरा 2025*
*अच्छाई की जीत बुराई पै दशहरा जावै सै मनाया।।*
*रावण हराया रामजी नै यो ज्यां  जावै आज जलाया।।*
1
या तो राम रावण की सै कदे महाकथा लिखी बताई
तुलसीदास नै एक लिखी दूजी बाल्मीकि जी नै बनाई
*बात एक जिसी उनमैं कुछ फर्क बी उनमैं सै पाया।।*
2
आज के राम रावण पर हम विचार नहीं करते 
म्हारी कमाई लूटकै कौन आज के रावण घर भरते 
*अडानी अम्बानी जुड़वां रावण पूरा देश लूटकै खाया।।*
3
इनतै बड्डा आज का रावण यो अमेरिका बताऊँ मैं 
पूरी दुनिया डरा राखी इसकी फ़ौज जुल्मी दिखाऊँ मैं 
*झूठे इल्जाम लगा कै नै करकै हमला इराक खिंडाया।।*
4
अडानी अंबानी की ताबेदार म्हारी आज की सरकार देखो
इनके कहे पै नाचे सै यो सरकार का आज सरदार देखो
*देश लूटया जनता बांट कै यो जात पात का जहर फैलाया।।*
5
आज के रावण कैसे जलावां इसपै बैठ विचार करांगे 
राम रावण मैं फर्क का  यो खाका पूरा तैयार करांगे 
*कहै रणबीर बरोने आला यो छंद सोच समझ कै बनाया ।।*
27=
 *सुनियो या कथा सुनाऊं, खोल कै सारी बात बताऊँ, साच कैहन्ता ना घबराऊँ, पंचायतां की रेल बनाई।।*
1
धरे ढके कै हाथ ना लाइए बाकी बहु यो घर तेरा
धरे ढके कै हाथ लाये बिना यो क्युकर सै घर मेरा
*इनका उड़ाया मखोल सै, इनमैं हो घणी ए रोल सै,बिना बजट सब गोल सै,पंचायतां की रेल बनाई।।*
2
मैम्बर पंचायत बणी सरपंच मीटिंग बुलावै ना
कार्यवाही रजिस्टर चाहूं देखना नपूता दिखावै ना
*ग्राम सभा पढ़ण बिठादी झूठी मीटिंग करी दिखादी, घणी रापट रोल मचादी,पंचायतां की रेल बनाई।।*
3
अफसर भी म्हारे डूब गए देखती आंख्या माखी खावैं 
गाल जब पक्की हुई नहीं तो क्यों हुया खरच बतावैं
*गाम नै मिलै माशा रत्ती सै, बीडीओ की हिस्सा पत्ती सै, इनकी सरपंच तैं बत्ती सै, पंचायतां की रेल बनाई।।*
4
चौधर के भूखे सरपंची के ये दावेदार बणे देखो, 
सुल्फे तैं फुरसत ना आपे मैं थानेदार बणे देखो
*नहीं गालां की सुध लेवैं ये, बस बैठे बैठे थूक बिलोवैं ये, रणबीर कै ताकू चुभोवैं ये, पंचायतां की रेल बनाई।।*
26=
 *बीन अर सांप* 
*बीन बजावन आल्यां नैआज गाम मैं बीन बजाई*
*कई तो बहोत पुरानी घणी बढ़िया धुन सुनाई।।*
1
कई महिला टहल गई बीन के लहरे पै नाची 
एक दूजी मैं नाचण की या होड़ कसूती माची
*बहोत दिनां पाछै आज महिलावां नै उधम मचाई।।*
कई तो बहोत पुरानी घणी बढ़िया धुन सुनाई।। 

2
सांप कै कान कोन्या होन्ते फेर बी बीन सुनण आ ज्यावै
धरती आली पैरां की खटपट चमड़ी द्वारा सुनाई देज्यावै
*मदारी की बीन देख देख कै सापां नै अपनी नाड़ नचाई।।*
कई तो बहोत पुरानी घणी बढ़िया धुन सुनाई।।
3
और सांप कई करतब करते मोटा मेंढक भी खा ज्याते
मूंह छोटा मेंढक मोटा जबड़ा घणा खुला इसका बताते
*चमड़ी भी रबड़ की तरियां जब चाहवै जब बधती बताई।।*
कई तो बहोत पुरानी घणी बढ़िया धुन सुनाई।।
4
सांप केंचुली तारता देख्या ना इसपै दिमाग लगाया देखो
शरीर की सफाई करने खातर 
सफाई सिस्टम बनाया देखो
*आज बीन और सांप के बारे रणबीर नै कलम घिसाई।।*
कई तो बहोत पुरानी घणी बढ़िया धुन सुनाई।।
25=
 *खुला बाजार*
*खेती म्हारी जोड़ दई ईब दुनिया के खुले बाजार तै।।*
*बदेशी कम्पनी खुल्ली चरैं लेती मदद ये सरकार तै।।*
गिहूं बाजरा बोणा छोड़कै हम फूल उगावण लागे रै
अपने बिना फूलां के उनके महम सजावण लागे रै
दादी पै माक्खी भिनकैं उनकी टहल बजावण लागे रै
देशी खेती मूंधी मारदी सब किसान कराहवण लागे रै
*म्हारा उजड़ना लाजमी सै जो चाल्ले इसे रफतार तै।।*
बदेशी कम्पनी खुल्ली चरैं लेती मदद ये सरकार तै।।
मुंह मांगी कीमत देकै फूल उगावण नै मजबूर करैं
उनके स्वाद तो पूरे होज्यां हमनै रोटियां तै दूर करैं
गिहूं की कीमत पै सब्जी बोवां हम गलती जरूर करैं
कई देशां नै भुगत लिया हम क्यों इसपै गरुर करैं
*भूख फैलै बहोत घणी ना मिल पावै भोली भरतार तै।।*
बदेशी कम्पनी खुल्ली चरैं लेती मदद ये सरकार तै।।
कुपोषण म्हारे देश मैं ईब दिन दिन और बढ़ैगा रै
धरती की ताकत मारी जा म्हारा पैदावार घटैगा रै
मन्दी का दौर चाल पड़या म्हंगाई का ताप चढ़ैगा रै
गरीब किसान मारया जागा चौड़े मैं जुलूस कढै़गा रै
*जनता घणी दुखी सै इन झूठे नारयां की हुंकार तै।।*
बदेशी कम्पनी खुल्ली चरैं लेती मदद ये सरकार तै।।
भारत का किसान मरया तै आजाद बचै हिन्दुस्तान नहीं
देश बेचण की काण कहवै जिब बचै यो इन्सान नहीं
मानवता खतरे मैं गेरदी क्यों बोलै यो भगवान नहीं
अनैतिकता पै खड़े होकै मानवता बचाना आसान नहीं
*कहै रणबीर सिंह बरोने आला लड़ै कलम के हथियार तै।।*
बदेशी कम्पनी खुल्ली चरैं लेती मदद ये सरकार तै।।
24=
 *बुरा हाल देख देश का आज मेरा जिगरा रोया।।*
*चारों तरफ मची तबाही खड़्या हाथ कालजा होया।।*
1
मेल मिलाप खत्म हुया पकड़या राह तबाही का
जात पात धर्म के ऊपर गल काटै भाई भाई का
मारकाट बिना बात की यो सै काम बुराई का 
पर फिकर सै किसनै देखै खेल जो अन्याई का
*माता खड़ी बिलख रही जिगर का टुकड़ा खोया।।*
चारों तरफ मची तबाही खड़्या हाथ कालजा होया।।
2
पंजाब मैं लीलो लुटगी चमन दिल्ली मैं रोवै सै
धनपत तूँ कड़ै डिगरग्या चमन गली गली टोह्वै सै
यो सारा चमन उजड़ चल्या तेरा साज कित सोवै सै
ना मन की बुझनिया कोय लीलो एकली दुखी होवै सै
*कित तैं ल्याऊं लख्मीचंद जिसनै सही छंद पिरोया।।*
चारों तरफ मची तबाही खड़्या हाथ कालजा होया।।
3
चौड़े कालर फुट लिया यो भांडा इस कुकर्म का
धर्म पै हो लिए नँगे नहीं रहया काम शर्म का 
लाजमी हो तोड़ खुलासा इस छिपे हुए भ्रम का
घड़ा भर लिया पाप का यो खुलग्या भेद मरम का 
*देखी रोंवती हीर मनै जन सीने मैं तीर चुभोया।।*
चारों तरफ मची तबाही खड़्या हाथ कालजा होया।।
4
इसे कसूते कर्म देखकै सूख गात का चाम लिया
प्रीत लड़ी बिखर गई अमृता नै सिर थाम लिया
शशि पन्नू की धरती पै कमा कसूता नाम लिया 
भगत सिंह का देश भाई हो बहोत बदनाम लिया
*असली के सै नकली के सै यो सच गया पूरा धोया ।।*
चारों तरफ मची तबाही खड़्या हाथ कालजा होया।।
5
फिरकापरस्ती दिखै सै इन सब धर्मां की जड़ मैं
लुटेरा राज चलावै सै बांट कै धर्मां की लड़ मैं
जितनी ऊपर तैं धौली दीखै कॉलस उतनी धड़ मैं
जड़ दीखें गहरी हों जितनी गहरी हों बड़ मैं
*या धर्म फीम इसी खाई दुनिया नै आप्पा खोया।।*
चारों तरफ मची तबाही खड़्या हाथ कालजा होया।।
6
सिर ठाकै जीणा हो तै धर्म राजनीति तैं न्यारा हो 
फेर मेहनत करणीया का आपस मैं भाईचारा हो
फेर नहीं कदे देश मैं लीलो चमन का बंटवारा हो
कमेरयां की बनै एकता ना चालै किसे का चारा हो
*रणबीर नै बी देख नजारा  कलम का रास्ता टोहया।।*
चारों तरफ मची तबाही खड़्या हाथ कालजा होया।।
23=
 *झांक कै देखां अपने भीतर*
*रिश्ते नाते जीवन मूल्य सारे हीतो बदल रहे सैं।।*
*पीस्से हवस के जीवन मैं आज बढ़ दखल रहे सैं।।*
1
मानव सामाजिक प्राणी सै पशु की ढालां घूमता जावै
दया करुणा त्याग छोड़ ऐशो आराम मैं झूमता जावै
असली प्रेम लैला मजनूं का यो माणस भूलता जावै
खा खा कै मेहनत दूजे की आज घणा फूलता जावै
*खाओ पीओ हाथ ना आओ पूरी बदल शकल रहे सैं।।*
पीस्से हवस के जीवन मैं आज बढ़ दखल रहे सैं।।
2
दुख सुख के हम साथी आज बच्यचा सरोकार कड़ै सै
मतलबी आज दोस्त होया माड़ी माड़ी बातां पै लड़ै सै
भाग लालसा बढ़ती जा अथाह प्रेम था हुया जड़ै सै
एड्स बीमारी खावै हमनै हालत घणी बिगड़ी अड़ै सै
*मानवता सारी भुला दई कर मोटी अकल रहे सैं।।*
पीस्से हवस के जीवन मैं आज बढ़ दखल रहे सैं।।
3
त्याग तपस्या बलिदान कड़ै आपा धापी माच रही
औरत एक चीज बनाई हवस समाज मैं नाच रही
झूठ अपना राज देश मैं चला बणकै नै साच रही
दौलत सबके जीवन मैं कर या तीन दो पांच रही
*राक्षस बन भक्षक आगे बदल ये अमल रहे सैं।।*
पीस्से हवस के जीवन मैं आज बढ़ दखल रहे सैं।।
4
रोज के जीवन मैं धन काला घर मैं आग्या आज
काला धन यो जीवन काला दिमाग मैं छाग्या आज
धौला धन पिछड़ गया मात काले तै खाग्या आज
धन काला कालस धौले कै समाज के मैं लाग्या आज
*कहै रणबीर अमरीका की कर हम नकल रहे सैं।।*
पीस्से हवस के जीवन मैं आज बढ़ दखल रहे सैं।।
22 ******
 बदेशी पूंजी जो हम ल्याण लागरे 
*नकेल बिना बदेशी पूंजी देश मैं धुम्मा ठा देगी।।*
*खान जल जंगल जमीन सबनै चूसकै बगा देगी।।*
सौ रुपये लगावैगी तो पांच हजार लूटकै लेज्यागी 
खून पसीने की कमाई नै बैरण चूट कै लेज्यागी
*अमीर गरीब की खाई या दिन ब दिन बढ़ा देगी।।*
नकेल बिना........
अपणे दलाल बणा कै गामां ताहिं या पहोंच गई
कर दारू नशे तैँ हमला इज़्ज़त म्हारी नोच लई
*पोर्नोग्राफी मोबाईल मैं घर घर मैं पहोंचा देगी।।*
नकेल बिना ......
मुठ्ठी भर नै देकै नौकरी पालतू पशु बनावैं सैं
जात पात पै बाँट कै कारपोरेट मौज उड़ावैं सैं
*दंगे करवाकै देश मैं मानस घणे मरवा देगी।।*
नकेल बिना .......
गरीब और गरीब होवें अमीरां की चाँदी होज्यागी
देश की घनखरी जनता या इसकी बांदी होज्यागी
*कहै रणबीर भका भका कै म्हारै सांस चढ़ा देगी।।*
17 मई 2015
21=
 *म्हारा समाज* 
*एकबै नजर घुमाकै देखां म्हारा समाज कड़ै जा लिया ।*
*आंधी गली मैं बड़गे लोग इस चिंता नै आज खा लिया।*
1
घर घर देखां घणा कसूता माहौल हुया सै सारे कै
शहर गाम देश दुनिया ब्लड प्रेसर हुया हुशियारे कै
*लग्या टपका चौबारे कै माणस घणा काल पा लिया।*
एकबै नजर घुमाकै देखां म्हारा समाज कड़ै जा लिया ।
2
रोज माणस भित्तर तैं टूटै इसा जमाना आन्ता जावै 
घर बाहर भाण बेटी की इज्जत पै हाथ ठान्ता पावै
*और तले नै जान्ता जावै बदमाशी नै कब्जा जमा लिया।*
एकबै नजर घुमाकै देखां म्हारा समाज कड़ै जा लिया ।
3
दारू पीकै पड़े रहवाँ हमनै शर्म लिहाज ना कोये 
ताशां पै बैठ करां मशखरी कहवाँ इलाज ना कोये 
*दीखै सही अंदाज ना कोये खापां नै मजाक बना लिया।*
एकबै नजर घुमाकै देखां म्हारा समाज कड़ै जा लिया ।
4
रिश्वत की कमाई भूंडी फेर भी इसको स्वीकार लिया 
दहेज नै बीमारी बतावैं सारे फेर बी क्यों चुचकार लिया
*विरोध कर ना इंकार किया रणबीर फेर औड़ आ लिया।* 
एकबै नजर घुमाकै देखां म्हारा समाज कड़ै जा लिया ।
20=
 *युवा का म्हारे देश मैं यो कसूता भूत बनाया रै।।*
*बेरोजगारी बढ़ाते रोजाना जावै रोज भकाया रै।।*
1
शिक्षा का ज़िकरा ना सरकारी स्कूल बंद होते जावैं
सेहत की परवाह कोण्या बीमारी रोज बढ़ती आवैं
*आउट ऑफ पॉकेट खर्चे नै सबकै सांस चढ़ाया रै।।*
2
सुलटे काम मिलते कोण्या उल्टे काम रोज बुलाते रै
पीसा उड़ै दीखै चौखा लाचारी मैं उड़ै युवा जाते रै
*जेलों मैं युवा का नम्बर आज यो बढ़ता पाया रै।।*
3
मानसिक तनाव युवा का हमनै देता दिखाई कोण्या
रोजाना फांसी की खबर होती जमा समाई कोण्या
*फांसी कोए इलाज नहीं संघर्ष इलाज बताया रै।।*
4
जात पात और धर्म के भेद भूलकै एक मंच पै आणा हो
किसान आंदोलन जिसा डेरा रोजगार मांग पै लाणा हो
*कहै रणबीर भगत सिंह नै योहे पाठ था पढ़ाया रै।।*
19=
 *सोनम वांगचूक भारत का घणा गजब समाज सुधारक बताया रै ।।*
*विदेशी शिक्षा प्रणाली लद्दाख की इसतैं पीड़ित हुया दिखाया रै।।*
1
एक सितंबर उन्नीस सौ छियासठ इस दिन दुनिया मैं आया
बड्डा होकै स्कूल व्यवस्था मैं सुधार करण का यो बीड़ा ठाया 
*सन उन्नीस सौ चुरानवै मैं आपरेशन न्यू हॉप का नारा था लगाया रै ।।*
2
स्टूडेंट एजुकेशन एंड कल्चरल मूवमेंट का इनै संस्थापक बताते
जीवाश्म ईंधन के प्रयोग का कसूता विरोधी सोनम को जताते
*बर्फ स्तूप तकनीक की खोज सोनम करकै नै कहते वो ल्याया रै ।।*
3
भारत की इस सरकार कै चुभता यो लद्दाख का क्रांतिकारी भाई
बिना बात के जेल मैं डाल दिया या सरकार घनी अत्याचारी भाई
*जम्मू काश्मीर और लद्दाख बारे भ्रम बहोत घना आज फैलाया रै ।।*
4
सोनम वांगचुक को रिहा करो जन संगठनों नै आवाज उठाई सै 
उसका साथ निभाने की खातर जनता पार्क मानसरोवर आई सै 
*सोनम नै तुरंत रिहा करै सरकार रणबीर नै तुरंत छंद यो बनाया रै ।।*
18=
 *बखत और कसूते ल्यावैंगे आज साफ बात बताऊं सूं।।*
*जात धर्म इलाके ऊपर बांटे दोबारा याद दिलाऊं सूं।।*
1
या बेरोजगारी बढ़ती जावै नौजवान फांसी खाता भाई
महंगाई नै चाले पाड़ दिए यो गरीब जलता जाता भाई
*रिश्वतखोरी छागी सारे कै भाई कीमत मैं भी चुकाऊं सूं।।*
2
शिक्षा हरेक स्तर की पै घेरे कसूते घाल दिए देखो भाई
इतिहास की जगां महाकाव्य के पाठ डाल दिए देखो भाई
*संविधान की धर्मनिरपेक्षता खंडित करते दिखाऊं सूं।।*
3
सेहत म्हारी का ख्याल नहीं सरकारी ढांचा तोड़ रहे
स्वास्थ्य प्राइवेट के हाथों मैं देने के बिठा ये जोड़ रहे
*बीमारी का जेब खर्चा बढ़ाया बिना इलाज मर जाऊं सूं।।*
मनुवाद का जाल बिछाया मानवता खड़ी लखावै भाई
हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई एकता म्हारी खिन्डाया चाहवै भाई
*जनता अपनी एकता बचावैगी रणबीर ज्यां कलम उठाऊं सूं ।।*
17=
 सोचाँ मिलकै
कमेरे  मिल कै सोचाँ क्यों लुटरी कमाई म्हारी।।
किसान खेत मजदूर फसल उगावैं मजदूर बणावैं महल अटारी।।
1
उबड़ खाबड़ खेत क्यार खेत मजदूर की मेहनत नै सँवारे
मजदूर सड़क डैम बणाकै पूरे भारत नै आज चमकारे
तीनों की मेहनत लूट कै क्यों मौज करते अडानी साहूकारी।।
किसान खेत मजदूर फसल उगावैं मजदूर बणावैं महल अटारी।।
2
किसान मजदूर खेत मजदूर की एकता बख्त की बात बताई जा
इन तीनों की एकता भाईयो जात गोत इलाके मैं या खिंडाई जा
न्यारे न्यारे ये तीनों खेमे  देखो नुकसान ठारे सैं घणा भारी।।
किसान खेत मजदूर फसल उगावैं मजदूर बणावैं महल अटारी।।
3
देश आगै बढ़या मेहनत करी खेत मजदूर और मजदूर किसान
इनके बालक क्यों भूखे फिरते न्याकारी कोण्या पाया भगवान
काम करनिये रूलगे देखो पिटी सारै कै आज या ईमानदारी ।।
किसान खेत मजदूर फसल उगावैं मजदूर बणावैं महल अटारी।।
4
सिस्टम लूट पाट का होग्या नीति खड़ी विरोध म्हारे तीनों के बारे मैं
म्हारी लूट का सही तोड़ बताया किसान मजदूर के भाईचारे मैं
सोच समझ कै रणबीर की कलम तीनूआं का एका आज चाहरी।।
किसान खेत मजदूर फसल उगावैं मजदूर बणावैं महल अटारी।।
16=
 कोख किराए की
*किराए की कोख में बालक जाते पैदा करवाये ।।*
*दूजे का बालक पेट में वो सरोगेट मां कहलाये।।*
सरोगेट मां की व्यथा मैं सुनियो आज सुनाऊँ हूँ 
के के बीतै उसकी गेल्यां पूरी व्यथा बताऊँ सूं 
*नौ म्हिने की जेल सी कटती दिन अस्पताल में बिताये।।*
 दो बर कोशिश करी पर वार तो खाली गये ये
तीजी बार गर्भ ठहरया दुख दरद घने सहे ये 
*इब नौ म्हिने रहना जेल में अपने बालक रूलवाये ॥*  
कदे दर्द ऊठज्या कदे कब्ज होज्यावै भारी  
टीके पै टीके लगवाये जिब तबीयत होती खारी
 *कदे उल्टी आवै कदे मरोड़ों से दिल घबराये ॥*
बालक पैदा किया मैने अगले दिन खोस लिया
रणबीर मनै मजबूरी थी दिल अपना मोस लिया
*कोए कोख ना दियो बेबे मेरे घने छक्के छुड़वाये ।।*
15=
 *बख्त और कसूते ल्यावैंगे आज साफ बात बताऊं सूं।।*
*जात धर्म इलाके ऊपर बांटैं दोबारा याद दिलाऊं सूं।।*
1
या बेरोजगारी बढ़ाते जावैं ना कती झूठ भकाता भाई
महंगाई के चाले पड़वा दिए गरीब मरता जाता भाई
*रिश्वत खोरी ल्याये सारे कै कीमत मैं भी चुकाऊं सूं।।*
2
शिक्षा हरेक स्तर की ऊपर घेरे कसूते घाल दिये रै 
गीता रामायण कहते पढ़ावाँगे  पाठ कई डाल दिये रै 
*संविधान की धर्म निरपेक्षता खंडित करते दिखाऊं सूं ।।*
सेहत  म्हारी का ख्याल नहीं सरकारी ढांचा तोड़ रहे
स्वास्थ्य ढांचा प्राइवेट हाथों मैं देने के बिठा जोड़ रहे
*पॉकेट खर्च बढ़ाया बीमारी पै बिना इलाज मर जाऊं सूं।।*
4
मनुवाद का जाल बिछाया मानवता खड़ी लखावै भाई
हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई की एकता खिंडाया चाहवै भाई
*सोच समझ कै करी एकता रणबीर मैं समझाऊं सूं।।*
14=
 केरल में एक जनवरी का दिन इतिहास बनाग्या रै।।
पचपन लाख  महिलाओं का महिला प्राचीर छाग्या  रै।।
1
छह सौ बीस किलोमीटर महिला प्राचीर बनाई थी
 लैंगिक समानता की खातिर मिलकै आवाज ठाई थी 
सबरीमाला मंदिर मामला यो सबके साहमी आग्या रै।।
पचपन लाख  महिलाओं का महिला प्राचीर छाग्या  रै।।
2
हरेक आयु की महिला आई हरेक वर्ग शामिल होगे 
देख कै नजारा यो सारा प्रतिगामी अपने होस खोगे 
इतनी गजब एकता केरल आज दुनिया नै दिखाग्या रै ।।
पचपन लाख  महिलाओं का महिला प्राचीर छाग्या  रै।।
3
सबरीमाला मंदिर में जावैं वे महिला डराई गई 
सुप्रीम कोर्ट का फैसला उसकी मजाक उड़ाई गई 
जवाब दिया सै मिलकै नै यो केरल जय नारा लाग्या रै।।
पचपन लाख  महिलाओं का महिला प्राचीर छाग्या  रै।।
4
 परंपरा सबरीमाला मंदिर की महिला नहीं जावै 
इसकी परंपरा गल्त सै यो सुप्रीम कोर्ट बतावै 
रणबीर सिंह गलत परंपरा पै आज ये छन्द बनाग्या रै।।
पचपन लाख  महिलाओं का महिला प्राचीर छाग्या  रै।।
13= 
दुनिया की वित्त पूंजी नै कसूता अंधेर मचाया।।
सारे देशों मैं घुसगी मेहनतकश लूट कै खाया।।
जोंक बनकै लहू चूसै आज कारपोरेट साहूकार
कदेतैं हुक्म बजाती आयी सै केंद्र की सरकार 
देश भक्त जो असली उनको बताते आज गद्दार
नकली देश भक्त आज बनगे देश के   पहरेदार
राष्ट्रभक्ति के नाम पै तो अंध विश्वास फैलाया।।
सारे देशों मैं घुसगी मेहनतकश लूट कै खाया।।
2
कोटे परमट आले भेड़िए आज बनें सैं हितकारी
मजदूर किसान लूट लिए सबकी अक्कल मारी
मीठी मीठी बात करें पर भीतर तैं पूरे अत्याचारी
बकरी भेड़ समझैं हमनै आज के ये न्याकारी
कारपोरेट और वित्तपूंजी नै देश मैं धुम्मा ठाया।।
सारे देशों मैं घुसगी मेहनतकश लूट कै खाया।।
3
रिश्वतखोर मगरमच्छ पूरे हिन्दुस्तान मैं छागे
मजदूर किसान की कमाई चूट चूट कै नै खागे
अरबों के बने मालिक औधे घणे चौखे पागे
किसानी संकट के चलते ये किसान फांसी लागे
नये नये जुमले छोड़ कै यो हिन्दुस्तान भकाया।।
सारे देशों मैं घुसगी मेहनतकश लूट कै खाया।।
4
तीन मुंही नाग जहरी एकफन पै बड़ा व्यापारी
दूजे फन पै बैठी मारै भ्रष्टाचार की या थानेदारी
तीजे फन पै पूंजीपति करता कसूती मारा मारी
तीनों मिलकै देखो ये लूट घणी मचारे अत्याचारी
रणबीर सिंह नै यो टूटया फुटया छन्द बनाया।।
सारे देशों मैं घुसगी मेहनतकश लूट कै खाया।।
12=
 डॉक्टर दोषी कोन्या
एक करोड़ फीस आज एम बी बी एस की बतावैं सैं।।
दो तीन करोड़ ये एम एस एम डी ताहिं धरावैं सैं ।।
1
स्वास्थ्य का पूरा मामला आज एक व्यापार बनाया सै
इसका दोषी डाक्टर तबका यो गलत प्रचार फैलाया सै
नीतियों नै कहर ढाया यो सेवा नै व्यापार बनावैं सैं।।
दो तीन करोड़ ये एम एस एम डी ताहिं धरावैं सैं ।।
2
चार करोड़ की डिगरियां यो सेवा भाव ख़तम करदें
पांच करोड़ नर्सिंग होम के जले पै नमक छिड़कदें
नीतियां दस करोड़ लुआ कै सस्ता इलाज चाहवैं सैं।। 
दो तीन करोड़ ये एम एस एम डी ताहिं धरावैं सैं ।।
3
स्वास्थ्य पर खर्च सरकारी आए साल घटता जावै
सरकारी ढांचा सेहत सेवा का आज देश मैं लड़खडावै
पेट आयुष्मान के नाम पै  ये बीमा कम्पनी फुलावैं सैं।।
दो तीन करोड़ ये एम एस एम डी ताहिं धरावैं सैं ।।
4
डाक्टर भाईयो समझो चाल यो कारपोरेट क्यों छाया
छोटे नर्सिंग होम बन्द करावै  कारपोरेट इसी नीति ल्याया
रणबीर सोचां गल्त नीति  कैसे सांस 
चढावैं सैं।।
दो तीन करोड़ ये एम एस एम डी ताहिं धरावैं सैं ।।
11=
कोए चीज समाज मैं बिना मिलावट मिलती कोन्या।।
बाजार व्यवस्था हड़खाई मैं सच्चाई तै खिलती कोन्या।।
1
दूध दही घी माखन खोहा सही मलाई मिलै कोन्या
मिर्च मसाला और हल्दी सही मिठाई मिलै कोन्या
नकली दवाई भरी बाजार मैं असली दवाई मिलै कोन्या
इंसानी जज्बे की निशानी हमनै भाई मिलै कोन्या
अवैध रिश्ते बढ़ते जावैं  असली चाल दिखती कोन्या।।
2
आटा डाल गुड़ शक्कर मैं मिलावट खूब आती बताई
दूध बिन पानी का जनता कोन्या आज पी पाती बताई
दो नंबर के मानस होगे मानवता धोखा खाती बताई
ये चेले गुरु बाबा महात्मा नहीं सारी लिखी जाती बताई
आज बिना मिलावट आलयाँ की समाज मैं पिलाती कोन्या।।
3
स्कूल कॉलेजों मैं आज सारे कै नकल छागी देखो
पहरावे और श्रृंगार मैं भी या मिलावट आगी देखो
त्याग तपस्या और सेवा इननै मिलावट खागी देखो
देश भक्ति नकली होगी  असली कै कालस लागी देखो
 बहुविविधता मैं मिलावट या हटाए भी हटती कोन्या।।
4
तेल और साबुन नहावन का बहोत मिलावट पाई जा
फीम चरस और जहर मैं फालतू चीज मिलाई जा
इब घणा बुरा जमाना आग्या कथा इतिहास बनाई जा
आज या झूठ साच रूप मैं दे पीसे लिखवाई जा
रणबीर की कलम साच लिखै लिखने तैं टलती कोन्या।।
10=
 सुनल्यो  बात पुलवामा की मैं खोल सुनादयूं सारी।।
आतंकवाद का धर्म नहीं समझ सै न्यारी न्यारी।।
1
चालीस पारा मिल्ट्री के अर्ध सैनिक शहीद होगे
आतंकी का हमला घाती कई परिवार नौजवान खोगे 
इनकी शहादत को नमन सबके आख्यां आंसू आरी।।
2
पैरा मिल्ट्री फोर्स का काफिला चाहवै था जहाज हवाई
इजाजत दी ना सरकार नै फाइल पै धूल चढ़ाई
जै इजाजत दी होती तो या हालत ना होती म्हारी।।
3
खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट इसका  करया ख्याल नहीं
चौकसी बरती कोन्या पूरी सरकार नै कोए मलाल नहीं
आगै ख्याल रहवै पूरा इसकी होज्या पूरी इंक्वारी।।
4
शहीद ये अर्ध सैनिक नहीं माने जावैंगे भाई
परिवार इनके न्योंए धक्के पूरी जिंदगी खावैंगे भाई
रणबीर इनको दियो सुविधा जो मिल्ट्री आज पारी।।

9=
 गोरयां नै जहरी बीज बोए जहरी फसल काटां भाई।।
देश म्हारा सबका सै क्यों हिंदू मुस्लिम मैं बाँटाँ भाई।।
1
हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई बुद्ध जैन सब इसके वासी
बहुविविधता भारत की पहचान इसकी आच्छी खासी
आतंकवाद की आंधी नै सारे रल मिलकै नै डाटां भाई।।
2
युद्ध उन्माद धर्म उन्माद ये मानवता के बैरी बताये 
पूंजीवाद नै दुनिया मैं ये खतरनाक हथियार बनाये 
दो युद्ध होये दुनिया मैं नर संहारां नै कैसे नाटां भाई।।
3
पूंजीवादी विकास नै आज असमानता खूब बढ़ाई सै 
आतंकवाद की जड़ याहे असमानता आज बताई सै 
इसकी पोल खोलकै नै हम इसनै न्यारा छांटां भाई।।
4
धर्म आधारित राष्ट्र नहीं कि तै भी टिक पाया भाइयो
मानवता बची रहै म्हारी इसपै पूरा  ध्यान लगाइयो
सारे मिलकै आतंकवाद कै जमकै
माराँ लातां भाई।।
8=
 कोख किराए की
*किराए की कोख में बालक जाते पैदा करवाये ।।*
*दूजे का बालक पेट में वो सरोगेट मां कहलाये।।*
सरोगेट मां की व्यथा मैं सुनियो आज सुनाऊँ हूँ 
के के बीतै उसकी गेल्यां पूरी व्यथा बताऊँ सूं 
*नौ म्हिने की जेल सी कटती दिन अस्पताल में बिताये।।*
 दो बर कोशिश करी पर वार तो खाली गये ये
तीजी बार गर्भ ठहरया दुख दरद घने सहे ये 
*इब नौ म्हिने रहना जेल में अपने बालक रूलवाये ॥*  
कदे दर्द ऊठज्या कदे कब्ज होज्यावै भारी  
टीके पै टीके लगवाये जिब तबीयत होती खारी
 *कदे उल्टी आवै कादे मरोड़ों से दिल घबराये ॥*
बालक पैदा किया मैने अगले दिन खोस लिया
रणबीर मनै मजबूरी थी दिल अपना मोस लिया
*कोए कोख ना दियो बेबे मेरे घने छक्के छुड़वाये ।।*

7=
 नौ जुलाई नै दस बजे हिसार मैं जागा अलख जगाया।।
हरियाणा किसान सभा का कार्यकर्ता सम्मेलन बताया।।
1
भूमि अधिग्रहण कानून रदद् करण की मांग ठाई जा
यो अग्निपथ वापिस ल्यो की उड़ै आवाज गुंजाई जा 
बिजली कनेक्शन ट्यूबवेल का जोड़ो जागा नारा लगाया।।
2
किसान आंदोलन के लंबित मुद्दे हल करै या सरकार 
बी बी एम बी के संशोधन उल्टे लेवो या भरी जा हूंकार
पहुँचेंगे जाट धर्मशाला मैं किसान सभा नै सै बुलाया।।
3
खराब फसल का लम्बित मुआवजा जारी करो तत्काल
जितनी मांग गिनाई सैं ये थाम पूरी सारी करो तत्काल
मतना करो अनदेखी म्हारी साफ साफ जावैगा समझाया।।
4
तड़कै तड़क उठ कै नै ट्रैक्टर पै हिसार जावांगे भाई
मिल बैठ करां मशवरा मांग पत्र पूरा बनावांगे भाई
संघर्ष करां पूरे हरियाणा मैं रणबीर साथ खड़या
पाया।।

6=
 बार बार झूठ बोलकै आज साच बणावण लागे रै ।।
असली आंकड़े ल्हको कै झूठे साच दिखावण लागे रै ।।
1
सीबीआई पढ़ण बिठाई सुप्रीम कोर्ट दिया घेरे मैं
रिजर्व बैंक कमजोर करया कई चीज़ाँ के फेरे मैं
हिंदू राष्ट्र का देकै नारा धर्म जाल बिछावण लागे रै ।।
2
किसानी संकट बढ़ता आवै ना कोए ख्यास किसान का
या मंहगाई बढ़ती जावै  हाल बुरा गरीब इंसान का
धर्मांधता के नारे लवाकै दंगे करवावण लागे रै ।।
3
बेरोजगारों की लाइन लांबी  कावड़ ल्यावण पै लादी
अंधविश्वास खूब फैलाया विज्ञान की चीढ़ कढ़ादी
आज समाज मैं नफरत जान बूझ बढ़ावण लागे रै ।।
4
 म्हारे इस हिन्दुस्तान की बहुविविधता कोण्या भाती रै 
जात धर्म पै बांट कै नै बण बैठे शासक खुरापाती रै 
रणबीर सिंह भाई चारे के छंद बनावण लागे रै ।।

5=
 साच की जागां आज यो झूठ भाया, भाईचारा म्हारा यो तोड़ बगाया, बेरोजगारी का यो संकट छाया, छिड़गी या नब्बै दस की लड़ाई।।
1
बाजार व्यवस्था करकै नै बढ़ी देशां बीच की खाई
देशां भीतर भी इसनै या गरीबी बहोत बढ़ाई 
मुनाफाखोरी नै पंख फैलाये,भ्रष्टाचार नै तहलके मचाये,ये अंधविश्वास बहोत बढ़ाये,पूरे समाज पै या संकट छाई।।
2
अश्लीलता का जाल जान बूझ कै फैला रहे
युवक युवती धक्के बेरोजगारी कारण खा रहे
या पक्की नौकरी नहीं टोही पाती,नौजवान पीढ़ी घूमै धक्के खाती, भीडतंत्र खूब उधम मचाती, नफरत की राजनीति फैलाई।।
3
किसानी संकट बढ़ाया खेत मजदूर की बर्बादी 
समझ नहीं पा रहे कडै़ गई म्हारी आजादी
दस जणे देश मैं ऐस करते, नब्बै मैं तैं पचास भूखे मरते, या जनता कसूती ढाल भकाई।।
4
बहुविविधता म्हारे देश की इसपै हमला भारी सै 
समाज म्हारे मैं असुरक्षित आज देश की नारी सै 
दो बख्त की रोटी नहीं मिल पाती, पढ़ाईवकी फीस नहीं भरी जाती, रणबीर की कलम झटके खाती, मंदिर मस्जिद ना भूख मिठाई।।

4=
 जातिवाद फैलाकै म्हारे देश के कति बिगाड़े हाल, देखियो के होगा।।
1
संविधान पढ़ण बिठा दिया संसद गेल्यां मखौल करै 
राज्य सभा तैं बचाण खातर सब कुछ तोड़ मरोड़ धरै 
अंधविश्वास खूब फैलाया झूठ बोलने से नहीं डरै 
भीड़ तंत्र फैलाया देश मैं यो मासूम हर रोज मरै 
जुमला बाजी तैं लोग भकाये चालकै कसूती चाल, देखियो के होगा।।
2
नफरत फैलादी देश मैं सोशल मीडिया खरीद लिया
कमजोर तबकयां ऊपर चला मनुवाद का तीर दिया
बिना रुजगार जनता पै कोन्या जाता आज जिया
बजट भी कई स्कीमों का कहया जावै कम किया
अडानी अंबानी मौज करैं बाकी जनता बेहाल, देखियो के होगा।।
3
बेरोजगारी शिक्षा स्वास्थ्य मुद्दे टांड पै बिठा दिये 
बिना बात के मुद्दयाँ पै देशवासी कसूते भिड़ा दिये 
कितै जात पै कितै धर्म पै बिना बात के लड़ा दिये 
कमजोर तबके जितने सैं सबकै सांस चढ़ा दिये 
गोडसे बरगे कातिलां  तांहि देखो सजाए सैं पंडाल, देखियो के होगा।।
4
तानाशाही पूरे देश मैं बिना कहें लागू करदी रै 
जो बोलै उसकी मार गोली ज्यान काढ़ कै धरदी रै 
यूनिवर्सिटी स्कूल कॉलेज नफरत सारे कै भरदी रै 
जनता कसूती भका लई इसकी खुमारी ना उतरती रै 
कहै रणबीर सिंह ले ल्यो संभाला ना तै उत्तरै सबकी खाल, देखियो के होगा।।
3=
 मोदी काल की सुनियो थमनै पूरी कथा सुनाऊं रै ।।
बिना बात की हवा बनाई झूठे वायदे याद दिलाऊं रै ।।
1
झूठी कोए होतै बता दियो माफी मांग लेवांगे भाई
सराफा बाजार दिन तितालिस किसनै बंद कराई
पेट्रोल की कीमत बधाई सबतैं ज्यादा बताऊं रै।।
2
दुनिया के बाजारों नै रुपया सब तैं ज्यादा गिराया 
पच्चीस साल पाछै करया नोटबंदी नै कहर ढाया
विदेश यात्रा के सारे खर्चे गिनीयो आज गिनाऊं रै ।।
3
ग्यारा लाख वन रक्षक आदिवासी बेघर कर दिये 
उनकी जमीन खोस कै अंबानी के घर भर दिये 
पांच साल के आतंकवादी हमले  मैं ज्यादा मरे दिखाऊं रै ।।
4
ललित मोदी हजारों करोड़ देकै विदेश भजा दिया
विजया माल्या और फालतू देकै विदेश मैं खंदा दिया 
नीरव मोदी मेहुल मोदी सबनै सहमी लयाऊं मैं।।
 5
विपक्ष नै जिनका विरोध करया वेहे बात लागू करदी
एफडीआई आधार कार्ड पै शर्त और भी बाधू धरदी
इतने मैं भी सांस लिया ना कई और बात जताऊं रै ।।
6
पटेल मूर्ति का यो खर्चा पैंतीस हजार करोड़ बताया
चुनाव बॉन्ड रिश्वत खोरी का यो नया खेल रचाया
इतना पीसा कित तैं आया कैसे हिसाब लगाऊं रै ।।
7
देश की धरोहर बेची या गलत नीति अपनाई सै 
पांच एयरपोर्ट बेच दिए रेलवे की बारी भी आई सै 
बीएसएनएल क्यों दिए घेरी मैं सही सवाल उठाऊं रै ।।
8
देश का पीसा फिजूल मैं विज्ञापनों पै लगा दिया
मीडिया चौकीदार बनाया सवाल ठाने यो भुला दिया
जिसनै  सवाल ठाए उनके हाथ और पैर कराऊं रै।।
9
अपने कार्यकाल मैं पढ़ण बिठा दी आर बी आई
स्वतंत्रता सारी खोस लई सीबीआई गई दबाई
सुप्रीम कोर्ट काबू चाहते चीफ जस्टिस नै भजाऊं रै ।।
10
जात धर्म पै जहर फैलाकै पूरा देश यो बांट दिया
मनुवाद पै जोर लगाया संविधान तैं क्यों नाट दिया
कहै रणबीर सारी साच्ची कति ना झूठ भकाऊं रै ।।
2=
 ईसा लागै सै जणो तै कसूती होड़ चाल पड़ी रै।।
सारे मीडिया मैं कंपीटीशन आज आण खड़ी रै ।।
1
सर्वे कर अपने अपने कैसे घणी सीट तैं जितावैं 
कौन सबतैं फालतू मोदी नै सर्वे मैं सीट दिवावैं 
आम आदमी बोर हो लिया नहीं चैन सै दो घड़ी रै ।।
2
लाइव भाषण मोदी जी का कोण सबतैं घणा दिखावै 
इसकी होड़ लगी रहवै कोये ना पाछै रहना चाहवै 
नमो टीवी चलै उसनै मोदी की बात घड़ी रै ।।
3
खिताब देने की होड़ देश मैं घणी कसूती छागी रै 
पूरी दुनिया मैं पूज्या जाँ या लगन कसूती लागी रै 
नोबेल मिलै मोदी जी नै ईपे भक्त मंडली अड़ी रै ।।
4
संयुक्त अरब अमीरात नै खिताब की घोषणा करी
सुलतानों बादशाहों की दोस्ती सिर माथे ऊपर धरी
रूस भी पाछै रहया ना खिताब की जोड़ दी कड़ी रै ।।
1=
 म्हारे देश की संसद के कर दिए बुरे हाल, देखियो के होगा।।
1
लोकसभा अर राज्य सभा दोनों पढ़ण बिठादी ये
लोकतंत्र खत्म करया राजतंत्र की लीख कढ़ादी ये
किसा बख्त आग्या रै लोगो सांसद ना कर सकै सवाल, देखियो के होगा।।
2
एक सौ इकतालीस सांसद निलंबित बिन बात करे
झूठ मूठ के बहाने बणाकै निलंबन के हुक्म धरे
हिटलरशाही का नमूना कर 
दिखारया सै कमाल, देखियो के होगा।।
3
सांसद सिर्फ सांसद ना होता वो अकेला इंसान
पन्दरा तैं तीस लाख जनता का वो हो सै प्रधान 
इसका निलंबन मतलब तीस लाख कर दिये बेहाल, देखियो के होगा।।
4
एक सौ इकतालीस मतलब तीस करोड़ जनता ढादी
इनके नागरिक अधिकारों कै घणी कसूती फांसी लादी
खड़े होकै विरोध केरां रणबीर चाली या टेढ़ी चाल, देखियो के होगा।।