Sunday, 30 April 2017





-185-

लिए कर्ज के मैं डूब, हमनै तिरकै देख्या खूब,
ना भाजी म्हारी भूख, लुटेरयां नै जाल बिछाया, हे मेरी भाण
1. ज्यों-ज्यों इलाज करया मर्ज बढ़ग्या म्हारा बेबे
  पुराने कर्जे पाटे कोण्या नयां का लाग्या लारा बेबे
  झूठे सब्जबाग दिखाये, अमीरां के दाग छिपाये
  गरीबां के भाग लिवाये, कर सूना ताल दिखाया, हे मेरी भाण
2. विश्व बैंक चिंघाड़ रहया घरेलू निवेश कम होग्या
बेरोजगारी बढ़ा दी घनी सबर म्हारा यो खत्म होग्या   म्हंगाई ना घटती सखी, गरीबी क्यों बढ़ती सखी
   जनता भूखी मरती सखी, नाज का भण्डार बताया हे मेरी भाण
3. जल जंगल और जमीन खोस लिए म्हारे क्यों
  सिरकै उपर छात नहीं दिए झूठे लारे क्यों
  आदिवासी तै मार दिया, किसानां उपर वार किया
   कारीगर धर धार दिया, बेरोजगारी नै फंख फैलाया, हे मेरी भाण
4. इलाज करणिया डाक्टर बी खुद हुया बीमार फिरै
  सुआ लवाल्यो सुवा लवाल्यो करता या प्रचार फिरै
  होगी महंगी आज दवाई, लुटगी सारी आज कमाई
  रणबीर सिंह बात बताई, खोल कै भेद बताया, हे मेरी भाण

Friday, 28 April 2017

Call to farmer

किसानों को आह्वान 
टेक :-
चुच्ची बच्चा त्यारी करल्यो रास्ता बिना लड़ाई कोण्या।।
धान पीट दिया क्यों म्हारा इब बची जमा समाई कोण्या।।
1------
सुधां खुरां यो बैरी चढ़ग्या क्यों होती हमनै जाग नहीं
जो चिंगारी दबी हुई वा बन जाती क्यों आग नहीं
बैठे रहवां ताश खेलते म्हारे बरगा कोय निर्भाग नहीं
जात गोत बांट दे हमनै इसतै जहरी कोय नाग नहीं
खूनी कीड़े खावैं चौगिरदें क्यों देता कति दिखाई कोण्या।।
2-------
कड़ तौडैगी महंगाई म्हारी यो दूध ढोल मैं घलग्या
सिर भी म्हारा जूती म्हारी टोटे का दीवा बलगया
अमरीका म्हारा खून चूसकै सांड मरखना पलग्या
बासी होगी म्हारी जवानी मेरा न्यों कालजा जलग्या
आगली पीढ़ी गाल बकैगी जै नई तस्वीर बनाई कोण्या।।
3--------
भारत का किसान मरया तो मुश्किल हिंदुस्तान बचै
डब्ल्यू टी ओ बन्दूक तानरया नहीं खेत खलिहान बचै
बिना खेती उद्योग किसा बिना उद्योग ना इंसान बचै
बिना बिजली पानी आज मुश्किल दीखै किसान बचै
आपणे पाहयां चाल पड़ां क्यों टोही इसी रही कोण्या ।।
4------
हमनै मारकै दम लेवैगी तपेदिक जात बीमारी भाई
इसका चश्मा चढ़ाकै म्हारै म्हारी खाल उतारी भाई
किसा सतरंगा खेल रचाया लिकड़या ऊत खिलारी भाई
जमा राह मैं डोब दिए ना दो आने की असवारी भाई
रणबीर गरीब अमीर तैं न्यारी दुनिया मैं लड़ाई कोण्या।।
******किसान क्रांति का समय निकला जा रहा है

1 मई

1 मई का दिन दुनिया के इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन है । मजदूरों ने इकट्ठे होकर अपने हकों के लिए आवाज उठाई थी। अपने खून की कुर्बानी दी थी। लाल झंडे की महिमा को स्थापित किया था। क्या बताया भला:--
मई दिवस यो एक मई नै दुनिया मैं मनाया जावै ।।
दुनिया के मजदूरो एक हो नारा यो लगाया जावै ।।
1::::::::
लड़ी मजदूरों नै कट्ठे होकै दुनिया मैं लड़ाई बेबे 
लाल झंडा रहवै सलामत छाती मैं गोली खाई बेबे
पूरी एकता दिखाई बेबे यो एहसास कराया जावै।।
2::::::::
देकै शहादत मजदूरों नै अपने हक लेने चाहे थे
कई सौ मजदूर कट्ठे होकै शिकागो के मैं आये थे
एकता के नारे लाये थे म्हारा हक ना दबाया जावै।।
3::::::::
समाजवाद की दुनिया मैं एक नई या लहर चली
चीन साथ मैं वियतनाम या हर गली शहर चली
दिन रात आठ पहर चली इतिहास मैं बताया जावै।।
4::::::::
उस दिन तैं मजदूर दिवस मेहनतकश मणाण लगे
मजदूर एकता जिंदाबाद सुन मालिक घबराण लगे
रणबीर सिंह गीत बणाण लगे एक मई नै गाया जावै।।

Tuesday, 25 April 2017

नक्सलवाद

नक्सलवाद कितै पाकिस्तान ये जवान म्हारे झोंक दिए 
अडानी अम्बानी की खात्तर ये किसान म्हारे ठोक दिए 
1
शासक तंत्र का खेल दखे नहीं म्हारी समझ मैं आया रै
देश भक्ति के  नाम पै जवान fफ्रंट उप्पर लड़वाया रै
खेत मैं किसान दोफारे के मां यो पस्सीने पोंछता पाया रै
सरहद की रुखाली कराई खेत मैं हाँगा लगवाया रै
हक मांगे जिब जिब जनता नै चढ़ा सूली की नोक दिए।
2
 दोनूंआं की देश सेवा तैं देखो अम्बानी का पेट फुलवाया 
हमनै आवाज उठाई तो दोनूं फ्रण्टों पै हमें धमकाया 
या किसी देशभक्ति जिसनै आज गरीब संकट बढ़ाया
सोचो जवानों और किसानों तमनै किसका राज बचाया
जिब हम बोलैं तो कहते ये कौन देशद्रोही भोंक दिए।
3
बेरा ना कितने किसान म्हारे ज्यान अनसमझी  मैं खोगे
म्हारे देश के भक्त बेरा ना आज कित तान कै सोगे 
हक मांगैं वे देशद्रोही देश लूटैं वे देश प्रेमी होगे
जात पात पै बांट दिए कमेरे ये बीज बिघ्न के बोगे 
म्हारे संघर्षों के सारे रास्ते बांट बांट कै देखो रोक दिए।
4
देश द्रोह करणीये वे सैं जो हक छीन रहे किसानों के
देश द्रोही भक्त बणे हांडै आज हिमाती लुटेरे शैतानों के
म्हारे देश प्रेमी किसान क्यों आज शिकार अपमानों के
मुट्ठी भर शैतान क्यों बणे शासक देश मैं इंसानों के 
कहै रणबीर छंद बनाकै ये समझा सही श्लोक दिए ।।

Wednesday, 19 April 2017

भगत सिंह

लेखक भगत सिंह को आह्वान करके क्या कहता है ------
देख ले आकै सारा हाल , क्यों देश की बिगड़ी चाल
सोने की चिडया सै कंगाल , भ्रष्टाचार नै करी तबाही 
अंग्रेज तैं लड़ी लडाई , थारी कुर्बानी आजादी ल्याई 
देश के लुटेरों की बेईमानी फेर म्हारी बर्बादी ल्याई 
क्यों भूखा मरता कमेरा , इसनै क्यूकर लूटै लुटेरा
करया चारों तरफ अँधेरा,माणस मरता बिना दवाई
चारों कान्ही आज दिखाऊँ , घोटालयां की भरमार दखे
दीमक की तरियां खावै सै समाज नै यो भ्रष्टाचार दखे
ये चीर हरण रोजाना होवें , नाम देश का जमा ड़बोवैं
लुटेरे आज तान कै सोवें, शरीफों की श्यामत आई
थारे विचारों के साथी तो डटरे सें जम्कै मैदान के माँ
गरीबों की ये लड़ें लडाई म्हारे पूरे हिंदुस्तान के माँ
भगत सिंह ये साथी थारे , तेरी याद मैं कसम उठारे
संघर्ष करेँ यो बिगुल बजारे ,चाहते ये मानवता बचाई
बदेशी कंपनी तेरे देश नै फेर गुलाम बनाया चाहवैं
मेहनत लूट मजदूर किसानों की ये पेट फुलाया चाहवैं
भारी दिल तैं साथी रणबीर, लिखै देश की सही तहरीर
भगत तनै जो बनाई तस्बीर देख जमा ए पाड़ बगाई

Tuesday, 4 April 2017

जालियाँवाला बाग हत्याकांड

जालियाँवाला बाग हत्याकांड भारत के पंजाब प्रान्त के अमृतसर में स्वर्ण मन्दिर के निकट जलियाँवाला बाग में १३ अप्रैल १९१९ (बैसाखी के दिन) हुआ था। रौलेट एक्ट का विरोध करने के लिए एक सभा हो रही थी जिसमें जनरल डायर नामक एक अँग्रेज ऑफिसर ने अकारण उस सभा में उपस्थित भीड़ पर गोलियाँ चलवा दीं जिसमें १००० से अधिक व्यक्ति मरे और २००० से अधिक घायल हुए।
अमृतसर के डिप्टी कमिश्नर कार्यालय में 484 शहीदों की सूची है, जबकि जलियांवाला बाग में कुल 388 शहीदों की सूची है। ब्रिटिश राज के अभिलेख इस घटना में 200 लोगों के घायल होने और 379 लोगों के शहीद होने की बात स्वीकार करते है जिनमें से 337 पुरुष, 41 नाबालिग लड़के और एक 6-सप्ताह का बच्चा था। अनाधिकारिक आँकड़ों के अनुसार 1000 से अधिक लोग मारे गए और 2000 से अधिक घायल हुए।
यदि किसी एक घटना ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम पर सबसे अधिक प्रभाव डाला था तो वह घटना यह जघन्य हत्याकाण्ड ही था। माना जाता है कि यह घटना ही भारत में ब्रिटिश शासन के अंत की शुरुआत बनी।
१९९७ में महारानी एलिज़ाबेथ ने इस स्मारक पर मृतकों को श्रद्धांजलि दी थी। २०१३ में ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरॉन भी इस स्मारक पर आए थे। विजिटर्स बुक में उन्होंनें लिखा कि "ब्रिटिश इतिहास की यह एक शर्मनाक घटना थी।"